मान चुराने और खाते समय
त्या मक्खन बिखरा क्यों देते है।
श्रीकृष्ण
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Answer:
प्रश्न 1.
लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना ? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
लेखक ने इस कहानी के लिए बाज और साँप को इसलिए चुना क्योंकि दोनों का स्वभाव एकदम विपरीत है। इसके अलावा अन्य कारण निम्नलिखित हैं –
एक ओर बाज अत्यंत तेज गति से उड़ने वाला प्राणी (पक्षी) है, वहीं साँप सरकने वाला प्राणी है।
एक को जहाँ आकाश की स्वतंत्रता अत्यंत प्रिय है, वहीं दूसरे को अपनी दुर्गंधयुक्त गुफा ही सुखद लगती है।
बाज जहाँ साहस एवं वीरता के लिए प्रसिद्ध है. वहीं साँप के पास ऐसा कोई गुण नहीं है।
शिकारी पक्षी बाज अपने सामने आए खतरों की परवाह नहीं करता भले ही उसकी जान चली जाए, किंतु साँप को अपनी जान बचाने की चिंता लगी रहती है।
कहानी से
प्रश्न 1.
घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
घायल होने के बाद भी बाज ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि –
बाज ने अपने मजबूत पंखों से गगन के विस्तार को जी भरकर नाप लिया था।
बाज ने अपनी जिंदगी का हर सुख भोग लिया था।
उसे अपनी जिंदगी से कोई शिकायत न थी।
प्रश्न 2.
बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?
उत्तर:
जिंदगी भर आकाश में उड़नेवाला बाज घायल होने के बाद भी आकाश में उड़ना चाहता है क्योंकि
उसे आकाश की स्वतंत्रता अत्यंत प्रिय है।
उसने अभी भी जिंदगी से हार नहीं मानी है।
वह अत्यंत साहसी है। उसे अपनी मौत से जरा भी भय नहीं है।
प्रश्न 3.
साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?
उत्तर:
साँप उड़ने को मूर्खतापूर्ण मानता था, फिर भी उसने उड़ने की कोशिश की, क्योंकि
वह देखना चाहता था कि आकाश में ऐसा कौन-सा आकर्षण है जिससे आकर्षित होकर बाज घायल होकर भी उड़ने को विवश हो गया।
वह आकाश में छिपे खजाने (आकर्षण) का रहस्य जानना चाहता था।
वह भी आकाश में उड़ने का स्वाद चखना चाहता था।
बाज की मृत्यु के बाद उसके (साँप के) मन का चैन खो गया था।
Explanation: