मैं ने हँसना सीखा है, मैं नहीं जानती रोना। बरसा करता पल पल पर, मेरे जीवन में सोना। मैं अब तक जान न पाई, कैसी होती है पीड़ा। हँस-हंस जीवन में कैसे, करती हैं चिंता कीड़ा। जग है असार सुनती हूँ मुझको सुख सार दिखाता। मेरी आँखों के आगे सुख का सागर लहराता। उत्साह उमंग निरंतर रहते मेरे जीवन में। उल्लास विजय का हँसता मेरे मतवाले मन से। आशा आलोकित करती मेरे जीवन को प्रतिक्षण। है स्वर्णसूत्र से वलयित मेरी असफलता के धन। सुख भरे सुनहरे बादल रहते हैं मुझको घेरे। विश्वास, प्रेम, साहस हैं जीवन के साथी मेरे।
question:- कवित्री ने जीवन में हंसने को क्यों महत्व दिया है
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कवित्री ने जीवन में हंसने को महत्व दिया है क्योंकि हमे अपना जीवन हसते हूए बीताना चाहिए। पिड़ा तो सबके जीवन मे आती है जीनका सामना कर कर हमे आगे बढना है तथा हसते रहना है।
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