Hindi, asked by kumarkartikey3535, 4 months ago

माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना ।
(क) उपर्युक्त काव्यांश में किसके दुख को प्रामाणिक बताया गया है ?
i. माँ के
ii.
बेटी के
बाप के
iv. पति के​

Answers

Answered by SejalDubey200
3

Answer:

option one मां के

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