माँ ने कहा पानी में झाँककर अपने चेहरे पर मत रीझना लिए नहीं वस्त्र और आभूषण शाब्दिक बृमो की तरह बन्धन है स्त्री जीवन के । संदर्भ,प्रसंग,व्याख्या,विशेष
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