मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं। व्याख्या कीजिए|
Answers
Answer with Explanation:
नहीं, हम अंधेरे कमरे में वस्तुओं को नहीं देख सकते हैं क्योंकि हम चीजों को तभी देखते हैं जब उनके द्वारा प्रतिबिंबित प्रकाश हमारी आंखों में प्रवेश करता है। चूंकि अंधेरे कमरे में वस्तु की सतह से कोई प्रकाश परावर्तित नहीं होता है इसलिए हम उन्हें देख नहीं पाते हैं।
हां, हम कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं क्योंकि कमरे के बाहर, जहां प्रकाश उपलब्ध है, वस्तुएं प्रकाश को प्रतिबिंबित कर सकती हैं और इस प्रकार, हम उन्हें देख पाते हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
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निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समान्तर किरण-पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज (ख) चॉक पाउडर
(ग) गत्ते का पृष्ठ (घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल
(डः) दर्पण (च) कागज का टुकड़ा
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Answer with explanation:
यह मानते हुए कि मैं एक ऐसे कमरे में हूं, जहां रोशनी नहीं है | हाँ, यह बात बिलकुल सत्य है और सच में मुझे कमरे में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। परंतु मैं बाहर की सभी चीजों जैसे कि पेड़, तालाब, लोग, पक्षी , आदि सभी को देख सकता हूँ।
इसके पीछे संभवतः तर्क यही है कि हम उन्ही चीज़ों को अपनी आंखों से देख सकते हैं जिनके ऊपर प्रकाश पड़ रहा हो। बिना प्रकाश के किसी भी वस्तु को देखना असंभव है और अत्यधिक कठिन भी।
जायज है कि अब अगर उस अँधेरे कमरे में मुझे किसी वस्तु को देखना होगा तो अवश्य ही मुझे उस कमरे में रौशनी की किसी स्त्रोत को लाना होगा जैसे कि मोमबत्ती, लालटेन, इत्यादि।