मान लीजिए कि आए महंत वसंत' कविता में जिस प्रकार महंत के आगमन का वर्णन किया गया है, वैसे ही
यदि आप किसी समारोह आदि में जाते हैं, तो उस समय आपकी वेशभूषा, व्यवहार तथा वाहन कैसा होगा?
लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करेंगे? किसी समारोह में अपने सम्मिलित होने का वर्णन कीजिए और कक्षा
में उचित हाव-भाव और स्वर-शैली के साथ अभिनय करके भी दिखाएँ।
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मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला
बैठे किंशुक छत्र लगा बाँध पाग पीला
चंवर सदृश डोल रहे सरसों के सर अनंत
आए महंत वसंत
श्रद्धानत तरुओं की अंजलि से झरे पात
कोंपल के मुँदे नयन थर-थर-थर पुलक गात
अगरु धूम लिए घूम रहे सुमन दिग-दिगंत
आए महंत वसंत
खड़ खड़ खड़ताल बजा नाच रही बिसुध हवा
डाल डाल अलि पिक के गायन का बँधा समा
तरु तरु की ध्वजा उठी जय जय का है न अंत
आए महंत वसंत
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आप मान लीजिए कि आया मोहन तो बसंत कविता में जिस प्रकार महंत के आगमन का वर्णन किया गया है वैसे ही यदि आप किसी समूह नदी में जाते हैं तो उस समय आप की वेशभूषा व्यवहार तथा वाहन कैसा होगा लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करेंगे
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