Hindi, asked by vivaramuvakumari, 4 months ago

मा
निल निखिर राधाश पाटकर दिये गये परसो के तर
एक पादोवानो मे लिसिार​

Answers

Answered by Braɪnlyємρєяσя
2

Explanation:

घोर अंधकार हो,

चल रही बयार हो,

आज द्वार–द्वार पर यह दिया बुझे नहीं

यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है ।

शक्ति का दिया हुआ,

शक्ति को दिया हुआ,

भक्ति से दिया हुआ,

यह स्वतंत्रता–दिया,

रूक रही न नाव हो

जोर का बहाव हो,

आज गंग–धार पर यह दिया बुझे नहीं,

यह स्वदेश का दिया प्राण के समान है

Answered by HorridAshu
0

{\huge{\boxed{\tt{\color {black}{Question}}}}}

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ोर अंधकार हो,

चल रही बयार हो,

आज द्वार–द्वार पर यह दिया बुझे नहीं

यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है ।

शक्ति का दिया हुआ,

शक्ति को दिया हुआ,

भक्ति से दिया हुआ,

यह स्वतंत्रता–दिया,

रूक रही न नाव हो

जोर का बहाव हो,

आज गंग–धार पर यह दिया बुझे नहीं,

यह स्वदेश का दिया प्राण के समान है

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