'मैं नीर भरी दुख की बदली ' के आधार पर एक सामान्य स्त्री की वेदना वयकत कीजिए।
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mahadevi verma is poetess of this poetry...which describe a pitty condition of a woman life
nitishshaw80:
give me answers in hind
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'मैं नीर भरी दुख की बदली '
एक सामान्य स्त्री की वेदना
स्त्री अगर चुपचाप सबकी बात को मानते हुए जीवन में आगे बढ़ती है तो सब उसका इस्तेमाल करते है और उसके अस्तित्व का कोई वजूद नहीं रह जाता है। उसे कई बार न चाहते हुए भी वह करना पड़ता है जिसमें उसकी मर्ज़ी न हो | उसका शोषण हर जगह किया जाता चाहे घर हो या बाहर |
अगर स्त्री किसी बात का विरोध करती है तो यह समाज उसे चैन से तब भी जीने नहीं देता है। उसके चरित्र पर सवाल उठाए जाते हैं | कई बार तो घर वाले भी साथ नहीं देते |
हर हाल में नारी कहीं न कहीं दुख सहती है कभी घर में तो कभी समाज में।
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