Hindi, asked by fatimamadiha487, 7 months ago

मानुष हाँ तो वही रतखानि बसौं ब्रज गोकुल गांव के गवरन । जो पशु हो तो कहा बस मेरो च्लो नित्य नंद को धेनु मँझरन ।। पाहन हैं तो वही गिरी
को जे क्यों
हरि छत्र पुरंदर शारन। जो खग हों तो बसेरों करो मिली कालिंदी कूल कंबल की डायन।।
1 रसखान प्रत्येक रूप में ब्रज मैं ही क्यों रहना चाहते थे?
2 कवि ने कहा बस मेरो क्यों नहा है?
3 कवि किस पर्वत का पत्थर बनना चाहता है और क्यों?
4 कवि पक्षी के रूप में कदंब की दालों में क्यों रहना चाहता है
5 इस सवैये का काव्य सौंदर्य लिखिए?​

Answers

Answered by debotrichandra15
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