Hindi, asked by ramratanprajapati188, 19 days ago

मौन वाचन का एक आवश्यक अंग क्या है​

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Answered by ravirajchaudhari941
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लिपि (लिखित पाठ) को बिना ओठ हिलाए मन में मनन करते हुए पठन करने को मौन वाचन या मौन पठन कहते है। यह सस्वर वाचन से अलग है जिसमें उच्चारण करते हुए घोष (मुखर) रूप में वाचन किया जाता है। मौन वाचन का अभ्यास शालाओं में प्रायः कक्षा 8 से कराया जाता है। जब छात्रों मे पठन हेतु आवश्यक एकाग्रता आ जाती है।

Answered by sumangupta71991
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लिपि (लिखित पाठ) को बिना ओठ हिलाए मन में मनन करते हुए पठन करने को मौन वाचन या मौन पठन कहते है। यह सस्वर वाचन से अलग है जिसमें उच्चारण करते हुए घोष (मुखर) रूप में वाचन किया जाता है। मौन वाचन का अभ्यास शालाओं में प्रायः कक्षा 8 से कराया जाता है। जब छात्रों मे पठन हेतु आवश्यक एकाग्रता आ जाती

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