माँ ने वस्त्र और आभूषणों को बताया है
(क) लड़कियों की शोभा
(ख) बहुत आवश्यक वस्तु
(ग) स्त्री के जीवन के बंधन
(घ) सभी की चाहत
Answers
Answer:
ladkiyon ki shobha is the answer
इसका सही जवाब है...
(ग) स्त्री के जीवन के बंधन
Explanation:
माँ ने वस्त्र और आभूषणों को स्त्री के जीवन के बंधन के समान बताया है।
यह प्रश्न कवि ‘ऋतुराज’ की कविता ‘कन्यादान’ से संबंधित है। इस कविता में मां वस्त्र और आभूषण को स्त्री के जीवन के बंधन के समान बताती है, क्योंकि सुंदर वस्त्र और मूल्यवान आभूषणों के मोह-जाल में फंसकर स्त्रियां अपने जीवन में अनेक तरह के अनुचित बंधनों को भी स्वीकार कर लेती हैं। पुरूष लोग स्त्रियों को कीमती वस्त्र और मूल्यवान आभूषण देकर भ्रमित कर देते हैं और उन्हें अपने बंधन में बांध लेते हैं। इस तरह वस्त्र-आभूषणों के मोह में पड़कर स्त्रियां अनेक तरह के बंधनों को स्वीकार कर लेती हैं। इससे उनका स्वयं का स्वतंत्र व्यक्तित्व और आत्मविश्वास संकट में पड़ जाता है। पुरुष लोग वस्त्र और आभूषणों के उपहार द्वारा नारी को अपने अधीन करने का प्रयत्न करते हैं। अतः कविता में माँ वस्त्र आभूषण को स्त्री के जीवन के लिए बंधन के समान मानती है।
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‘कन्यादान’ कविता में, माँ की मूल चिंता क्या है?
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