Art, asked by JashikaYadav, 3 days ago

मानचित्र पर दर्शाई गई दो जलीय का उलह कीजिए।।।​ NCC ka question hai ismein map Nahin hai​

Answers

Answered by brijeshkumarroy7026
1

मानचित्र – मौसम मानचित्र पृथ्वी या उसके किसी भाग के मौसमी परिघटनाओं का समतल धरातल पर प्रदर्शन है। ये एक निश्चित दिन में, विभिन्न मौसम तत्वों जैसे-तापमान, वर्षा, सूर्य का प्रकाश, मेघमयता, वायु की दिशा एवं वेग इत्यादि की अवस्थाओं के बारे में बताता है। सन् 1688 में एडमंड हिलेरी ने 30 उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशों के लिए एक मानचित्र का प्रकाशन किया, जिसमें व्यापारिक पवनों तथा प्रचलित मानसून पवनों की दिशाओं में प्रदर्शित किया गया था। निश्चित घंटों पर लिए गए प्रेक्षणों को कोड के द्वारा पूर्वानुमान केंद्रों पर प्रेषित किया जाता है। केन्द्रीय कार्यालय इन सूचनाओं का अभिलेख रखता है, जिसके आधार पर मौसम मानचित्र बनाए जाते हैं। ऊपरी वायु प्रेक्षणों को पहाड़ी स्टेशनों, वायुयानों, पायलट-गुब्बारों आदि के द्वारा प्राप्त करके अलग से अंकित किया जाता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना के बाद से ही मौसम मानचित्रों एवं चार्यों को नियमित रूप में तैयार किया जाता है। मौसम वेधशालाएँ आँकड़ों को पुणे स्थित केंद्रीय वेधशाला को दिन में दो बार भेजती हैं।

मौसम मानचित्र की उपयोगिता- किसी स्थान के तापमान, वर्षा, मेघमयता, वायु की दिशा एवं वेग इत्यादि की जानकारी मौसम मानचित्र से मिलती है। समुद्री मछुआरे, समुद्री जहाजी, किसान और आम जनता भी मौसम मानचित्र से लाभान्वित होते हैं। मौसम चार्ट- विभिन्न मौसम वेधशालाओं से प्राप्त आँकड़े पर्याप्त एवं विस्तृत होते हैं। अतः ये एक चार्ट पर बिना कोडिंग के नहीं दिखाए जा सकते। कोडिंग के द्वारा कम स्थाने में सूचनाएँ देकर चार्ट की उपयोगिता बढ़ जाती है। इन्हें सिनाप्टिक मौसम चार्ट करते हैं तथा जो कोड प्रयोग में लाए जाते हैं, उन्हें मौसम विज्ञान प्रतीक कहते हैं। मौसम पूर्वानुमान के लिए मौसम चार्ट प्राथमिक यंत्र है। इसकी उपयोगिता विभिन्न वायु-राशियों, वायुदाब यंत्रों, वाताग्रों तथा वर्षण के क्षेत्रों की अवस्थिति जानने एवं पहचानने में होती है।

Answered by kaviyapriyan743
1

Answer:

I am kavi I am from India I am 10 th standard

Similar questions