Science, asked by Kiaaaa3470, 9 months ago

मेण्डल के पृथक्करण नियम को उपयुक्त उदाहरण सहित वर्णन कीजिये।

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Answered by gouravupadhyay
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Explanation:

मेंण्डल के नियम के अनुसार प्रत्येक जीन जोड़ी के कारक (जीन ) युग्मकों के निर्माण के समय एक-दूसरे से पृथक होकर अलग-अलग युग्मकों में चले जाते हैं तथा युग्मनज (zygote) निर्माण में ये कारक पुंन: एक-दूसरे के साथ आ जाते हैं तथा अपना अस्तित्व बनाए रखते हैं | इस प्रकार जीन या कारक द्वारा अपना अस्तित्व या जीन की शुद्धता बनाए रखने के कारण इस नियम को युग्मकों की शुद्धता का नियम कहते हैं |

उदाहरण – मेंण्डल के प्रभाविता के नियम में प्रथम पीढ़ी (F1) में प्राप्त संकर लम्बे पौधों में जब स्वनिषेचन (self pollination) की क्रिया को होने दिया जाता हैं तो द्वितीय पीढ़ी (F2) में युग्मकों का पृथक्करण हो जाता हैं तथा F2 पीढ़ी में भिन्न लक्षणों वाले पौधे प्राप्त होते हैं |

यदि हम फिनोटाइप के अनुसार देखे तो तीन पौधे लम्बे जबकि एक पौधा बौना प्राप्त होता हैं अर्थात 75% पौधे लम्बे एवं 25% पौधे बौने मिलते हैं | जिनका अनुपात 3 : 1 हैं

यदि हम जीनोटाइप के अनुसार देखे तो एक पौधा शुद्ध लम्बा , दो पौधे संकर लम्बे तथा एक पौधा शुद्ध बौना प्राप्त होता हैं अर्थात 25% पौधे शुद्ध लम्बे, 50% पौधे संकर लम्बे एवं 25% पौधे शुद्ध बौने मिलते हैं | जिनका अनुपात 1 : 2 : 1 हैं |

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