मेण्डल के द्विशंकर क्रॉस को रेखाचित्र या चेकर बोर्ड की सहायता
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मेण्डल का यह नियम द्विसंकर संकरण के परिणामों पर आधारित है। इस नियम के अनुसार, यदि दो या दो से अधिक विपर्यासी लक्षणों युक्त पादपों का संकरण कराया जाता है तो एक लक्षण की वंशागति का दूसरे लक्षण की वंशागति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात् प्रत्येक लक्षण के युग्मविकल्पी केवल पृथक ही नहीं होते अपितु विभिन्न लक्षणों के युग्मविकल्पी (Alleles) एक-दूसरे के प्रति स्वतन्त्र रूप से व्यवहार करते हैं या स्वतंत्र रूप से अपव्यूहित होते हैं। अतः इसे स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम (Law of independent assortment) कहते हैं।
उदाहरण-यदि मटर के समयुग्मजी पीले गोलाकार (YYRR) बीज वाले पौधे का हरे, झुर्रादार (yyr) बीज वाले पौधे से संकरण कराया जाता है तो F1 पीढ़ी में सभी पौधे पीले गोलाकार (Yellow rounded) बीज (YyRr) वाले प्राप्त होते
F1 पीढ़ी में परस्पर स्वपरागण कराने पर प्राप्त F2 पीढ़ी में लक्षणप्ररूप चार प्रकार के अनुपात 9 : 3 : 3 : 1. में प्राप्त होते हैं तथा जीन प्ररूप नौ प्रकार के अनुपात 1 : 2 : 2 : 4 : 1 : 2 : 1 : 2 : 1 में प्राप्त होते हैं।
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पनेट स्क्वायर एक तालिका है जिसमें ज्ञात जीनोटाइप वाले दो व्यक्तियों के बीच आनुवंशिक क्रॉस के सभी संभावित परिणाम दिए गए हैं।
- मेंडल ने F1 के प्रत्येक संकर में स्व-परागण की अनुमति दी और बीजों को अलग-अलग एकत्र किया और F2 पीढ़ी प्राप्त की।
- F2 जेनरेशन के लिए चेकरबोर्ड या पनेट स्क्वायर इमेज में दिखाया गया है।
- उन्होंने 9:3:3:1 के अनुपात में चार प्रकार के बीज पाए जो द्विसंकर अनुपात है।
- मेंडल ने क्रॉसिंग के लिए एक साथ विरोधाभासी लक्षणों की एक जोड़ी ली, उदाहरण के लिए एक समय में रंग और बीज का आकार।
- उसने झुर्रीदार-हरे बीज और गोल-पीले बीज को उठाया और उन्हें पार कर लिया। उन्होंने F1 पीढ़ी में केवल गोल-पीले बीज प्राप्त किए।
- पनेट स्क्वायर एक आरेख है जिसका उपयोग वंशानुक्रम पैटर्न की गणना के लिए किया जाता है।
- चेकरबोर्ड जैसा दिखने वाला, यह उपकरण सटीक जीन संयोजनों का पता लगाना संभव बनाता है जो एक संतान को अपने दो माता-पिता से विरासत में मिलेगा।
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