मानक भाषा और अमानक भाषा में अंतर बताए
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मानक भाषा एवं अमानत भाषा में अंतर
मानक भाषा
- मानक भाषा व्याकरण सम्मत होती है
- इस भाषा का प्रयोग श्रेष्ठ समाज द्वारा किया जाता है
- या भाषा अशुद्धियों से मुक्त होती है
- इस भाषा का प्रयोग औपचारिक अवसरों पर किया जाता है
- मानक भाषा पूर्णता शुद्ध होती है
- इसका प्रयोग पाठ्य पुस्तकों में किया जाता है
- मानक सम्मानीय भाषा है
- यह संविधान में अधिकृत है
- इसका शब्दकोश बहुत बड़ा है
- या अनुसंधान कार्यों में प्रयोग किया जाता है
- इससे नगर भाषा भी कहा जाता है
अमानक भाषा
- मानक भाषा का कोई व्याकरण नहीं है
- इस भाषा का प्रयोग अक्सर नहीं किया जाता हैं
- या पूरी भाषा अशुद्ध होती है
- या अनपढ़ या अज्ञानी व्यक्ति द्वारा बोली जाती है
- यह भाषा पूर्णता अशुद्ध होती हैं
- इसका प्रयोग नहीं किया जाता
- इसका कोई रूप नहीं है
- यह संविधान में अधिकृत नहीं है
- इसका शब्दकोश बहुत छोटा है
- अनुसंधान कार्यों में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है
- इसे ग्रामीण लोग को द्वारा बोला जाता है
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मानक भाषा और अमानक भाषा में अंतर बताए:
मानक भाषा : व्याकरण के अनुसार ही लिखी और बोली जाती है | हिंदी का एक मानक स्वरूप निर्धारित किया गया ताकि उन शब्दों को सही रूप दिया जा सके और हिंदी भाषा में एकरूपता लायी जा सके। इस एकवें रूप स्वरूप को मानक भाषा कहते हैं। यह मानक भाषा सरकारी कार्यालयों में पत्र व्यवहार में उपयोग की जाती है। समाचार पत्रों और अन्य प्रतिष्ठित कार्यों में यह भाषा का प्रयोग किया जाता है।
अमानक भाषा : भाषा में व्याकरण का प्रयोग नहीं किया जाता है | इसमें बोलने में और लिखने अशुद्धियाँ होती है | इसमें तत्सम व तत्भ्व और विदेशी शब्दों का प्रयोग किया जाता है | इसका प्रयोग बोल चल के लिए किया जाता है | इस भाषा को सम्मान नहीं दिया जाता है |
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