मानक हिंदी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए
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भाषा का क्षेत्र देश, काल और पात्र की दृष्टि से व्यापक है। ... इन विविध रूपों में एकता की कोशिश की जाती है और उसे मानक भाषा कहा जाता है। हिन्दी में 'मानक भाषा' के अर्थ में पहले 'साधु भाषा', 'टकसाली भाषा', 'शुद्ध भाषा', 'आदर्श भाषा' तथा 'परिनिष्ठित भाषा' आदि का प्रयोग होता था।
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मानक हिंदी बहुकेंद्रीय एवं एकेन्द्रिय के भागो में बांटा जा सकता है।
मानक भाषा:
- भाषा एक व्यापक व्यक्तित्व है और काल दृष्टि से अनमोल है। इनमे विविधता में एकता का प्रयास होता है। उसे मानक भाषा का नाम दिया जाता है।
- इसे शुद्ध भाषा, आदर्श भाषा, टकसली भाषा, परिनिष्ठित भाषा भी कहा जाता है।
मानक भाषा के प्रकार निम्न प्रकार है।
- बहुकेंद्रीय भाषा: फ़ारसी, अरबी, अंग्रेजी, फ़्रांसिसी इत्यादि बहुकेंद्रीय भाषा है। इसमें एक से ज़्यादा मानक भाषाए है।
- एककेंद्रिय भाषा: इतलावी, रुसी, जापानी एककेंद्रिय भाषा के अंतर्गत आती है।
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