मानक से क्या अभिप्राय है? हमारे देश में कौन-कौन से मानक मुख्यतया प्रचलित हैं ?
Answers
Answer:
hiii
your answer is here !
Explanation:
वस्तुओं में बढ़ती हुई मिलावट, नकली उत्पादन आदि से उपभोक्ता को बचाने के लिए एवं उसके स्वास्थ्य की हानि को रोकने के लिए यह आवश्यक हो गया कि बाजार में बिकने वाले पदार्थों का प्रमाणीकरण किया जाए ताकि इन सब को नियन्त्रित किया जा सके। उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा के लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने 17,000 से अधिक मानक बनाये हैं और 134 वस्तुएँ अनिवार्य मानकीकरण के दायरे में आती हैं। उपभोक्ता को संरक्षण प्रदान करने हेतु वर्तमान समय में निम्न मानक प्रचलित हैं
(1) आई. एस. आई. मार्क:
यह मार्क भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रारम्भ किया गया है। इस संस्थान द्वारा वस्तु की गुणवत्ता उसमें उपयोग आने वाले कच्चे माल से लेकर तैयार माल तक बरकरार रखी जाती है जो कि विशेषज्ञों द्वारा तैयार किये गये माल के आधार पर होती है। यह संस्थान किसी भी फर्म को लाइसेंस तब देता है, जबकि उसे यह विश्वास हो जाता है कि फर्म उसके द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप उत्पाद को बनाने में सक्षम है।
साथ ही इन मानदण्डों का सदैव पालन करेगी तथा अपनी वस्तु की किस्म हमेशा निर्धारित स्तर के अनुरूप रखेगी तथा ऐसा करने के लिए उसमें आवश्यक सामर्थ्य भी है। भारतीय मानक ब्यूरो आई. एस. आई. मार्क वाली वस्तुओं का समय-समय पर परीक्षण निर्माण के समय एवं बाजार में बेचते समय नमूने लेकर करता है। मापदण्डों का पालन न करने वाले उत्पादकों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।
(2) एगमार्क:
उपभोक्ता के हितों के संरक्षण हेतु एगमार्क के मापदण्ड बनाते समय खाद्य पदार्थों के रंग-रूप, संरचना, वर्णन एवं किस्म आदि के आधार पर उत्तम, अति उत्तम, अच्छा एवं सामान्य वर्गीकरण किया जाता है। जिस प्रकार प्रत्येक उत्पादक को आई. एस. आई. जैसी मोहर लगवाना अनिवार्य नहीं है उसी प्रकार एगमार्क का चिह्न लगवाना भी ऐच्छिक होता है। प्राकृतिक एवं निर्मित वस्तुओं की भौतिक तथा रासायनिक विशेषताओं के आधार पर व्यापारियों को लाइसेंस दिया जाता है। समय-समय पर वस्तुओं का निरीक्षण कर दोषी व्यापारियों का लाइसेन्स रद्द कर दिया जाता है।
(3) एफ. पी. ओ:
एफ. पी. ओ. वस्तुओं की पैदावार से लेकर बिक्री होने तक पदार्थों के न्यूनतम मानदण्डों को निर्धारित करता है। यह फूड प्रोडक्ट आर्डर के नाम से जाना जाता है तथा उच्च गुणवत्ता का द्योतक है। यह चिह्न अचार, मुरब्बे, सॉस, चटनी, शर्बत, जैम, जैली तथा डिब्बाबन्द खाद्य पदार्थों पर प्रयुक्त होता है। इस प्रकार मानकों द्वारा उपभोक्ता के हितों की रक्षा होती है, उपभोक्ताओं में विश्वास पैदा होता है एवं उन्हें अपने धन का पूरा लाभ मिलता है।
follow me !