मानसिक क्षमता की बडिया तोड़ने से राहुल जी का क्या आशय है स्पष्ट कीजिए
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मानसिक दासता की बेड़ियों तोड़ने से लेखक का आशय यह है कि मनुष्य राष्ट्रवाद, प्रांतवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद, अंधविश्वास आदि संकीर्ण विचारों की बेड़ियों से अपने मन-मस्तिष्क को जकड़े हुए है, उस बेड़ियों (जंजीरों) को वह तोड़ दे और इन संकीर्ण विचारों से बाहर निकल आए।
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