Hindi, asked by urmilakasnia123, 11 months ago

मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं।
मुक्ताफल मुक्ता चुगै, अब उड़ि अनत ना जाहि।

->प्रस्तुत वाक्य में मोती चुगने का क्या आशय है?

Answers

Answered by AbsorbingMan
42

प्रस्तुत वाक्य में मोती चुगने का आशय है-->

ह्दय रूपी मानसरोवर में ईश्वर के प्रेम रूपी जल में साधक आनंद

अर्थात

सभी मोह-माया के बंधन से मुक्ती


Answered by Anonymous
46

" मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं।

मुक्ताफल मुक्ता चुगै, अब उड़ि अनत ना

जाहि।। "

-प्रस्तुत पंक्तियां कबीर द्वारा रचित है।

- प्रस्तुत पंक्तियां कबीर की साखियाँ से

अवतरित है ।

प्रस्तुत वाक्य में ' मोती चुगने ' का आशय यह

है कि :-

आत्मा इस संसार से संतुष्ट है , अतः

आनंदित है । तत्पश्चात् वह इस जीवन को

छोड़ कर कहीं नहीं जाना चाहता है और वो

हंस के भांति ही , मोती चूगने में लगा हुआ है।

अर्थात जीवन का आनंद लेने में लगा हुआ है।

ठीक ऐसे ही , हंस मानसरोवर को ही अपना

जीवन मानकर उसमें मोती चूगने लगते है ।

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