मानसरोवर से क्या आशय है
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उत्तर: मानसरोवर से कवि का आशय है-मन रूपी पवित्र सरोवर, जिसमें मनुष्य को स्वच्छ विचाररूपी जल भरा है। इस स्वच्छ जल में जीवात्मा रूप हंस, प्रभु-भक्ति में लीन होकर स्वच्छंद रूप से मुक्तिरूपी मुक्ताफल चुगते हैं। वे मानसरोवर छोड़कर अन्यत्र जाना भी नहीं चाहते हैं।
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Explanation:‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है।वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।
उत्तर :
‘मानसरोवर’ संतो के द्वारा प्रयुक्त प्रतीकात्मक शब्द है।कवि की दृष्टि में मानसरोवर किसी भक्त का वह मन है जिसमें भक्ति रूपी जल पूरी तरह से भरा हुआ है। भक्त के हृदय में भक्ति भाव के अतिरिक्त किसी प्रकार की विकारी भाव नहीं है।वह भक्ति भाव से इतना अधिक भरा हुआ है कि वहां सांसारिक विषय- वासनाओं के समाने का कोई स्थान ही नहीं है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।