"मानव बनो' शीर्षक कविता के कवि कौन हैं?
शिवमंगल सिंह 'सुमन'
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"मानव बनो' शीर्षक कविता के कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा लिखी गई है |
इस कविता में कवि ने मनुष्य जन्म जो हमें बड़ी मुश्किल से मिलता है उसका वर्णन किया है , है मनुष्य मानव बनो , जो मानव मनुष्य का उद्देश्य है उसे पूरा करो | अवगुण को छोड़ कर , स्वार्थ की भावना को छोड़ कर अच्छे मानव बनो |
यह क्रोध है किसी काम का नहीं है शांति से काम लो और अच्छे से दुनिया बसाओ | सब के साथ मिलकर रहो और शांति से अच्छे कर्म करो और अच्छे मानव बनो | इस दुनिया में मानवता सबसे अनमोल है , एक दिन अंत मिलना सब को राख में मिल जाना है | इस इसलिए अपने जीवन में अच्छे मानव बन कर सामने आओ हे मनुष्य तुम मानव बनो |
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कवि मनुष्य से कैसी हुंकार करने को कह रहा है
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