History, asked by narendkumardahriya77, 3 months ago

मानव चित्र कार्य भारत छत्तीसगढ़ और विश्व​

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Answered by ManaswiGhanghoriya
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शैलाश्रय’शब्द सुनते ही किसी पहाड़ी गुफा का चित्र मस्तिष्क में उभरता है। पर यह गौर करने वाली बात है कि सभी शैलाश्रय, पहाड़ी गुफा ही होते हैं, लेकिन सब पहाड़ी गुफाएँ या कन्दरायें शैलाश्रय नहीं होतीं। दोनों में एक बात सामान्य है कि दोनों ही प्राकृतिक हैं, मतलब उन्हें (गुफा या शैलाश्रय को) बनाने में मानव का कोई हाथ नहीं रहा। हाँ, जिन प्राकृतिक गुफाओं में मानव के रहने, बसने के चिह्न या उसके किसी गतिविधि, क्रियाकलाप के अवशेष या प्रमाण मिलते हैं, केवल उसे ही शैलाश्रय स्वीकार किया जाता है, बाकि सब प्राकृतिक गुफा मात्र ही हैं। गुफा जिसका उपयोग मनुष्य ने अधिवास हेतु किया हो, वही है- ‘शैलाश्रय’।

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