मानव एक सामाजिक प्राणी है परस्पर सहयोग की भावना ही जीवन का आधार है। पारस्परिक सहयोग के बिना समाज का कार्य चल ही नहीं सकता। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि मन, वचन और कर्म से दूसरों के हित के लिए भी प्रयास करने को तत्पर रहे। प्रकृति का कण-कण परोपकार में लगा हुआ है। सूर्य खुद जलकर दूसरों को प्रकाश देता है; वृक्ष स्वयं धूप सहकर पथिक को छाया प्रदान करते हैं, पेड़ दूसरों के लिए फल प्रदान करते हैं, स्वयं नहीं खाते; नदी अपना पानी स्वयं नहीं पीती। जो व्यक्ति केवल स्वार्थ में लिप्त है वह पशु के समान है। परोपकार के कारन ही ईसा मसीह सूली चढ़ें, परोपकार के लिए ही सुकरात ने जहर पिया तथा गाँधीजी ने गोलियाँ खाई मदर टेरेसा ने परोपकार के लिए ही अपना जीवन दीन-दुखियों की सेवा में लगा दिया। भारतीय संस्कृति में परोपकार को मानव कर्तव्य बताया गया है। हमारी संस्कृति में सबके सुख तथा कल्याण की कामना की जाती है तथा पूरी पृथ्वी को ही एक कुटुम्ब के रूप में माना जाता है। सच्चा मनुष्य वही है जो स्वयं के लिए ही न जिए, अपितु अपने जीवन काल में परोपकार भी करें। जिस देश में परोपकारी मनुष्य होते हैं, वे सदैव उन्नति को प्राप्त करते हैं।
प्रश्न :
(1) पारस्परिक सहयोग के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए ? (2) प्रकृति के कौन से तत्त्व परोपकार करते हैं ? (3) इस परिच्छेदमें कौन से महापुरुषों के परोपकार की बात की गई है? (4) सच्चा मनुष्य बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? (5) इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।
Answers
Answer:
(१)पारस्परिक सहयोग के लिए मनुष्य को मन वचन और कर्म से दूसरो के हित के लिए प्रयास करना चाहिए |
(२) प्रकृति के तत्त्व सूर्य, वृक्ष एवं नदी परोपकार करते हैं |
(३) इस परिच्छेद में ईसा मसीह, माहत्मा गांधी और सुकरात जैसे महापुरुषों के परोपकार की बात की गई है |
(४)सच्चा मनुष्य बनने के लिए हमें केवल अपने लिए ही नहीं जीना चाहिए अपितु अपने जीवन काल में परोपकार भी करते रहना चाहिए |
(५) परोपकार
दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।
- (1) पारस्परिक सहयोग के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए ?
पारस्परिक सहयोग के लिए मनुष्य को मन, वचन तथा कर्म से दूसरों के हितों के लिए प्रयास करना चाहिए।
- (2) प्रकृति के कौन से तत्त्व परोपकार करते हैं ?
प्रकृति के तत्व जैसे सूर्य, पेड़ तथा नदी परोपकार करते है।
सूर्य खुद जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, नदी स्वयं अपना पानी नहीं पीती, पेड़ अपना फल खुद नहीं खाते।
- (3) इस परिच्छेदमें कौन से महापुरुषों के परोपकार की बात की गई है?
इस परिच्छेद में ईसा मसीह, सुकरात, मदर टेरेसा व गांधीजी जैसे महापुरुषों के परोपकार की बात की गई है।
ईसा मसीह स्वयं सुली पर चढ़ गए, सुकरात ने जहर पिया, मदर टेरेसा ने दीन दुखियों की सेवा में अपना सारा जीवन अर्पित कर दिया। गांधीजी देश ने देश प्रेम में गोलियां खाई।
- (4) सच्चा मनुष्य बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
हमें सच्चा मनुष्य बनने के लिए हमें केवल स्वयं के लिए न जीकर , परोपकार भी करना होगा।
- (5) इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।
इस परिच्छेद का उचित शीर्षक होगा
" परोपकार ही सच्चा धन है।"