मानव जीवन से जुड़ी उन तमाम चीजों का एक विशाल जन समूह की पहुँच से दूर हो जाना ही महँगाई है। महँगाई बढ़ने के कई कारण हैं, जब वस्तुओं के उत्पादन से अभी उपभोक्ता हो जाए, व्यावसायिक प्रतियोगिता बढ़ जाए, अति उत्पादन और भयानक आर्थिक मंदी हो जाए, कालाबाजारी बढ़ जाए, सरकारी नियंत्रण कमजोर हो जाए अथवा विभिन्न प्राकृतिक प्रकोप या युद्ध छिड़ जाए। इस तरह के स्थिति प्रायः अविकसित और विकासशील देशों में देखी जाती थी, परंतु वैश्वीकरण और उदारीकरण के चलते तो किसी भी देश का असंतुलन पूरे विश्व का डोला ईमान पूरे विश्व का दोलायमान कर देता है। पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में अधिक मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति ही महँगाई को जन्म देती है। आज पूरा विश्व इसका दंश झेल रहा है।
1. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में अधिक ---- के कारण महँगाई ने जन्म लिया है।
(i) कालाबाजारी
(ii) प्राकृतिक प्रकोप
(iii) मुनाफाखोरी
(iv) विकसित
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option (iii) मुनाफाखोरी is right answer.
मानव जीवन से जुड़ी उन तमाम चीजों का एक विशाल जन समूह की पहुँच से दूर हो जाना ही महँगाई है। महँगाई बढ़ने के कई कारण हैं, जब वस्तुओं के उत्पादन से अभी उपभोक्ता हो जाए, व्यावसायिक प्रतियोगिता बढ़ जाए, अति उत्पादन और भयानक आर्थिक मंदी हो जाए, कालाबाजारी बढ़ जाए, सरकारी नियंत्रण कमजोर हो जाए अथवा विभिन्न प्राकृतिक प्रकोप या युद्ध छिड़ जाए। इस तरह के स्थिति प्रायः अविकसित और विकासशील देशों में देखी जाती थी, परंतु वैश्वीकरण और उदारीकरण के चलते तो किसी भी देश का असंतुलन पूरे विश्व का डोला ईमान पूरे विश्व का दोलायमान कर देता है।
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में अधिक की प्रवृत्ति ही महँगाई को जन्म देती है। आज पूरा विश्व इसका दंश झेल रहा है।
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