मानव का कब्रिस्तान किसे कहा जाता है
Answers
Answer
प्लीहा (spleen) को लाल रक्त कणिकाओं का कब्रिस्तान कहा जाता है, इस अंग को तिल्ली भी कहते है। यह पसलियों के नीचे और पेट के ऊपर ऊपरी भाग में बाईं ओर स्थित होता है। ... प्लीहा (Spleen) को आरबीसी का कब्रिस्तान कहा जाता है ।
वैसे मुख्यतः प्लीहा या तिल्ली (Spleen) को लालरक्त कोषिकाओंका स्मशान कहा जा सकता हैं । प्लीहा रक्त कोषिकाओंको नष्ट करती है और रक्त संचय भी करती है जो भविष्य में आघात या अपघात के समय काम आए । लेकिन जठर में भी यह काम होता है । और प्लीहा किसी कारन काम नही करती तब दुसरे अंग यह काम सम्हालते हैं ।
कोई एक मानव शरीर का अंग या अवयव लाल रक्त कोषिकाओं ( RBCs) का स्मशान या कब्रिस्तान नही कहा जा सकता हैं ।
अस्थी मगज ,यकृत या गुरदा , प्लीहा या तिल्ली और पुरी मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली या रोग प्रतिकार संस्था (Immune System) लाल रक्त पेशीऔंका पुनः उपयोजन करती है । सिकल सेल जैसे रक्त रोगों का अपवाद छोडकर सामान्यतः एक स्वस्थ लाल रक्त कोषिकाओंका जीवनमान १०० से १२० दिन रहता हैं । सिकल सेल रक्त रोग में ये कोषिका केवल १० या २० दिन जीवित रहती हैं ।
उनका १२० दिन का आयुष्यमान समाप्त होने पर लाल रक्त पेशी या कोषिका कभी पूर्ण तया नष्ट नही होने दी जाती हैं । उनके जो अंश उपयुक्त होते हैं उन्हे पुनः उपयोजन के लिये भेज दिया जाता हैं । फिर इन कोषिकाओं को विघटन प्रक्रिया के बाद उत्सर्जन के लिये भेजा जाता हैं ।
इस काम में सभी लिंफॅटिक ग्रंथीया या लिंफॅटिक केंद्र स्थल (Lymphatic Glands or Lymphatic Nodes) प्रतिरक्षा प्रणाली शामिल रहते हैं । इसलिये कोई एक शरीर का अंग मृत लाल रक्त कोषिकाओंका स्मशान कहना उचित नही होगा ।