मानव कान के लिए कष्टदायक ध्वनि की प्रबलता है? हिंदी में उत्तर बताओ
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ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसकी उत्पत्ति किसी न किसी वस्तु के कम्पन करने से उत्पन्न होती है, जब हम किसी घण्टे पर चोट मारते हैं तो हमें ध्वनि सुनाई पड़ती है तथा घण्टे को हल्का सा छूने पर उसमें झनझनाहट का अनुभव होता है। जैसे ही घण्टे का कम्पन बंद हो जाता है, ध्वनि भी बंद हो जाती है। इसी प्रकार, जब सितार के तार अंगुली से दबाकर छोड़ते हैं तो वह कम्पन करने लगता है तथा उससे ध्वनि निकलती है परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि हर कम्पन से ध्वनि उत्पन्न हो। ध्वनि तरंगें, जिनकी आवृत्ति 20 हटर्ज से 20,000 हटर्ज के बीच होती है एवं उनकी अनुभूति हमें अपने कानों द्वारा होती है, ध्वनि तरंगे कहलाती है। ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगे होती हैं। जब किसी माध्यम से कपन होता है तो ध्वनि उत्पन्न होती है।
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