Hindi, asked by drsatyavanshi73, 1 month ago

मानव कब दानव से भी दुर्दान्त, पशु से भी
बर्बर और पत्थर से भी कठोर करुणा के
लिए निरवकाश हृदय वाला हो जायेगा, नहीं
जाना जा सकता। अतीत सुखों के लिए सोच
क्यों, अनागत भविष्य के लिए भय क्यों और
वर्तमान को मै अपने अनुकूल बना ही लूँगा
फिर चिन्ता किस बात् की ? ​

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Answered by veenasharma9163
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I didn't know answer but can you follow mine it's urgent please

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