मानव में लिंग-निर्धारण कैसे होता है?
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मानव में लिंग-निर्धारण :
सभी जीवो में लिंग का निर्धारण मेंडल के नियमानुसार होता है । मनुष्य में लिंग निर्धारण की प्रक्रिया युग्मकजनन के दौरान प्रारंभ होती है। युग्मकजनन में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा अगुणित युग्मकों का निर्माण होता है । स्त्री में बने हुए सभी युग्मक (अण्ड) 22 + X गुणसूत्र वाले होते हैं जबकि पुरुष में दो प्रकार के युग्मक (शुक्राणु) 22 + X तथा 22 + Y गुणसूत्रों वाले बनते हैं।
निषेचन के समय नर से प्राप्त शुक्राणु (X या Y गुणसूत्र वाला ) अण्ड से मिलता है। इसके फलस्वरूप बने युग्मनज में क्रमशः 44 + XX या 44 + XY गुणसूत्र हो सकते हैं। इस प्रकार लिंग का निर्धारण निषेचन के समय ही शुक्राणु के गुणसूत्र द्वारा ही होता है , क्योंकि सभी मादा युग्मक (अण्ड) एक ही प्रकार का गुणसूत्र प्रारूप रखते हैं।
नीचे संलग्न रेखा चित्र से यह स्पष्ट है , कि स्त्री के युग्मक जब पुरुष के 22 + X गुणसूत्र प्रारूप वाले शुक्राणुओं से मिलते हैं , तो सदैव मादा शिशु (पुत्री) का जन्म होता है तथा जब 22 + Y गुणसूत्र प्रारूप वाले शुक्राणु से मिलते हैं तो सदैव नर शिशु (पुत्र) का जन्म होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
XY प्रणाली मनुष्यों और अधिकांश स्तनधारियों में देखी जाती है - XX मादा हैं और नर XY हैं। ZW प्रणाली पक्षियों, तितलियों आदि में पाई जाती है - मादा ZW और नर ZZ हैं।