मानव मानव पाचन तंत्र के कार्य हिंदी में
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हम आपको एक बात बताते हैं कि जब हम खाना खाते हैं तो वह खाना हमारे शरीर के अंदर जाता है. तो भोजन शरीर के अंदर जाने के बाद क्रिया होती है और किस भोजन की क्रिया शरीर के अलग-अलग भागों द्वारा अलग-अलग तरह की जाती है फिर उसके बाद जाकर हमारा शरीर भोजन को बता देता है लेकिन उन सभी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ध्यान रखने योग्य बातें होती है. मानव शरीर की ग्रंथियां होती है.और ग्रंथियां हमारे शरीर के अलग-अलग भागों में पाई जाती है. और ग्रंथियों से रस निकलता है. और रस से एंजाइम निकलता है. और एंजाइम निकलता है और एंजाइम हमारी भोजन को पचाने का काम करते हो.
क्योंकि जब हम भोजन खाते हैं तो भोजन बड़े-बड़े टुकड़ों में बटा हुआ होता है तो एंजाइम्स उस भोजन को छोटे-छोटे कणों में बदलने का काम करता है. और इस तरह अपने भोजन को पचाने का काम एंजाइम्स करते हैं.
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अब, हम मनुष्य के भीतर पाए जाने वाले मानव पाचन तंत्र में शामिल विभिन्न चरणों को समझेंगेः
1. अंतर्ग्रहण या भोजन को खाना (Ingestion): मनुष्यों में भोजन मुंह के माध्यम से खाया जाता है और इसे हाथों की मदद से मुंह में डालते हैं |2. पाचन (Digestion): भोजन का पाचन मुंह से ही शुरु हो जाता है| पाचन की प्रक्रिया इस प्रकार होती हैः मुंह गुहा या मुख गुहिका (buccal cavity) में दांत, जीभ और लार ग्रंथियां होती हैं| दांत भोजन को छोटे– छोटे टुकड़ों में काटता है, उसे चबाता और पीसता है| इसलिए, दांत भौतिक पाचन में मदद करते हैं| हमारे मुंह में पाई जाने वाली लार ग्रंथियां लार बनाती हैं और जीभ की मदद से लार भोजन में मिलता है|जैसा कि हम जानते हैं, लार एक प्रकार का जलीय तरल होता है, इसलिए यह भोजन को हमारे मुंह में गीला कर देता है और उसे आसानी से निगलने में मदद करता है| कई बार हम यह देखते हैं कि जब कभी हमारी नजर स्वादिष्ट खाने पर पड़ती है या हम स्वादिष्ट खाना खाते हैं, हमारे मुंह में 'पानी' आ जाता है| ऐसा लार ग्रंथियों द्वारा पैदा होने वाली लार के कारण होता है| एंजाइमों का स्राव कर लार ग्रंथियां रसायनिक पाचन में मदद करती हैं| मनुष्य की लार में एक एंजाइम पाया जाता है जिसे सलिवेरी एमाइलेज (लार एमाइलेज) (salivary amylase) कगते हैं| यह चीनी के लिए भोजन में मौजूद स्टार्च को पचाता है| इसलिए, स्टार्च या कार्बोहाइड्रेट का पाचन मुंह से ही शुरु हो जाता है| लेकिन भोजन बहुत कम समय के लिए मुंह में रहता है इसलिए, मुंह में भोजन का पाचन अधूरा रह जाता है|अब, आहार नली यानि ग्रासनलि के माध्यम से थोड़ा पचा हुआ भोजन पेट में पहुंचता है| यह इस प्रकार होता हैः आहार नली की दीवारों में मांसपेशियां होती हैं जो बारी– बारी से सिकुड़ और फैल सकती है| जब थोड़ा पचा हुआ भोजन आहार नली में पहुंचता है, तो दीवारें सिकुड़ने और फैलने लगती हैं और इसे क्रमिक वृत्तों में सिकुड़ने वाला गति (peristaltic movement) कहते हैं और यह पेरिस्टॉल्टिक मूवमेंट भोजन को पेट के भीतर भेजता हैमानव पाचन तंत्र
पेट अंग्रेजी वर्णमाला के J अक्षर के आकार वाला अंग होता है जो पेट की बाईं तरफ होता है| भोजन पेट में करीब तीन घंटों तक पीसा जाता है| इस दौरान, भोजन और भी छोटे टुकड़ों में टूटता है और एक अर्ध–ठोस पेस्ट बनता है| पेट की दीवारों में उपस्थित ग्रंथियां अमाशय रस (gastric juice) का स्राव करती हैं और इसमें तीन पदार्थ होते हैं: हाइड्रोक्लोरिक एसिड, पेपसीन एंजाइम और म्युकस| हाइड्रोक्लोरिक एसिड की उपस्थिति के कारण भोजन अम्लीय प्रकृति का होता है और पेप्सीन एंजाइम बहुत छोटे कणों को बनाने के लिए भोजन में मौजूद प्रोटीन का पाचन शुरु कर देता है| इसलिए, प्रोटीन का पाचन पेट में शुरु होता है|
हाइड्रोक्लोरिक एसिड का कार्य हैः
क. यह पेप्सीन एंजाइम को सक्रिए बनाता है|
ख. यह भोजन के साथ पेट में पहुंच सकने वाले किसी भी बैक्टीरिया को मार देता है|
म्युकस पेट की दीवारों को उसके खुद के द्वारा स्रावित किए जाने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाता है नहीं तो इस एसिड से पेट में अल्सर बन सकता है| आंशिक रूप से पचा भोजन पेट से छोटी आंत में जाता है| पेट से निकलने वाले भोजन 'रंध्र संकोचक पेशी sphincter muscle' द्वारा नियंत्रित किया जाता है| यह पेशी छोटी मात्रा में भोजन को छोटी आंत में भेजती है|
छोटी आंत आहार नली का सबसे बड़ा हिस्सा है| एक व्यस्क पुरुष में यह करीब 6.5 मीटर लंबी होती है| बहुत पतला होने के कारण इसे छोटी आंत भी कहा जाता है| छोटी आंत हमारे पेट में एक कुंडल के रूप में व्यवस्थित होती है| मनुष्यों में छोटी आंत भोजन के संपूर्ण पाचन यानि कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा, का स्थान होती है. यह इस प्रकार होता हैः