मानव और पशु-पक्षी तथा अन्य जीवों के बीच एक सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में आपका क्या कर्तव्य<br />
'गिल्लू' पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
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मानव और पशु पक्षी तथा अन्य जीवों के बीच एक सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में हमारा कर्तव्य बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर गिल्लू पाठ के आधार पर हम इस बात को समझें तो हमें समझना चाहिए कि जिस प्रकार हमारे अंदर संवेदनाएं हैं, भावनाएं हैं उसी तरह पशु पक्षियों और अन्य जीवो में भी संवेदना और भावनाएं होती हैं। पशु भी प्रेम की भाषा समझते हैं।
प्रकृति ने जिस तरह मानव को इस संसार में जीने का अधिकार प्रदान किया है, उसी तरह प्रत्येक प्रत्येक जीव को जीने का अधिकार प्रदान किया है। हमें किसी भी जीव के जीने के अधिकार से कोई छेड़छाड़ नही करनी चाहिये। हमें सभी जीवों के साथ संवेदना पूर्ण व्यवहार करना चाहिए और उन्हें उनकी जीवन शैली के अनुसार जीने देना चाहिए। हमें उनके प्राकृतिक जीवन कार्य में कोई दखल ना देनी चाहिए।
यदि यदि हमें रास्ते में कोई घायल पशु-पक्षी पड़ा मिल जाए तो हमें संवेदना पूर्ण व्यवहार करते हुए उसकी उसी तरह देखभाल करनी चाहिए जिस तरह गिल्लू पाठ में लेखिका महादेवी वर्मा जी ने गिल्लू नामक गिलहरी की की थी।
पशु-पक्षी प्रेम की भाषा समझते हैं, उनके अंदर भी संवेदनाएं होती हैं। अगर हम उनके साथ संवेदनापूर्ण व्यवहार करेंगे तो वह भी हमारे पूरी आत्मीयता से घुलमिल जाते हैं।
हमने अपने दैनिक जीवन में ही देखा होगा कि हमारे घर में पलने वाले पालतू पशु-पक्षी हमारे साथ कैसे घुले-मिले होते हैं क्योंकि वह भी प्रेम और आत्मीयता की भाषा समझते हैं। प्रकृति में सबको समान रूप से जीने का हक है, इसलिए हम पशु-पक्षियों के प्रति संवेदना दिखायें उनके प्रति दया दिखाएं, उन पर हिंसा ना करें। जिससे मानव और हम सभी जीवो के पूरे बीच एक सौहार्दपूर्ण व्यवहार बना रहे। हमको गिल्लू पाठ से यही सीख मिलती है|
Answer:
पशु-पक्षी प्रेम की भाषा समझते हैं, उनके अंदर भी संवेदनाएं होती हैं। अगर हम उनके साथ संवेदनापूर्ण व्यवहार करेंगे तो वह भी हमारे पूरी आत्मीयता से घुलमिल जाते हैं।