Hindi, asked by ritvikh2, 3 months ago

मानव संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। कारण यह है कि इसमें चिन्तन की शक्ति है, जिसके द्वारा यह प्राचीन काल से सब पर शासन करता आया है। आज प्रकृति भी इसके सामने नतमस्तक हो रही है। संसार के सम्पूर्ण एश्वर्य के पीछे मानव मस्तिष्क के विकास का इतिहास गुंथा हुआ है, लेकिन यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि केवल मस्तिष्क का विकास एकांगी है। मस्तिष्क के साथ साथ शारीरिक शक्ति का भी होना अनिवार्य है। अतः मस्तिष्क के विकास के लिए जहाँ शिक्षा की आश्वयकता है, वहाँ शारीरिक शक्ति को प्राप्त करने के लिए क्रीड़ा की भी आश्वयकता है। दोनों एक दूसरे के अभाव में अपूर्ण हैं।शारीरिक विकास के लिए खेलों के अतिरिक्ति अन्य साधन भी हैं। प्रातः काल में भ्रमण द्वारा भी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। कुश्ती, कबड्डी, दंगल, भ्रमण, दौड़ना आदि भी स्वास्थ्यवर्द्धन के लिए उपयोगी हैं। इससे शरीर पुष्ट होता है, पर मनोरंजन आदि से मनुष्य वंचित रहता है। खेलो से मनोरंजन भी पर्याप्त हो जाता है। इससे खिलाड़ी में आत्म निर्भर होने की भावना उदय होता है। वह केवल अपने लिए ही नहीं खेलता, बल्कि उसकी हार और जीत पूरी टीम की हार और जीत है। अतः उसमें अपने साथियों के लिए स्नेह तथा मित्रता का विकास होता है। उसमें अपनत्व और एकत्व की भावना जन्म लेती है। वह अपने में ही अपनी टोली की प्रगति देखता है। रूचि की भिन्नता के कारण किसी को हॉकी , किसी को क्रिकेट और किसी को फुटबाल अच्छा लगता है।खेलों से अनेक लाभ हैं। इनका जीवन और जाति में विशिष्ट स्थान है। शारीरिक और मानसिक स्थिति को कायम रखने के लिए खेलों का बड़ा महत्व है। इसलिए प्राचीन काल से ही खेलों को महत्व दिया गया है। विद्यार्थी आश्रमों में अध्ययन के साथ साथ विभिन्न प्रकार के खेलो में भी पारंगत होते थे। उस समय के खेल युद्ध की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते थे। उस समय धनुविद्या की शिक्षा का विशेष बोल-बाला था।इसमें सन्देह नहीं कि खेल विद्यार्थी जीवन के लिए अत्यन्त उपयोगी है, पर यदि इनमें अधिक भाग लिया जाए तो हानि होती है। बहुत से विद्यार्थी क्रीड़ा में अधिक रूचि लेने के कारण अध्ययन से मुँह मोड़ लेते हैं। यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि खेलों का महत्व भी शिक्षा के साथ ही है। कई बार तो खेलों के कारण द्वेष, स्पर्द्धा तथा गुटबन्दी आदि की कटु भावनाओं का भी जन्म होता है, जो बड़ी हानिकारक हैं। अतः शिक्षण और क्रीड़ा में परस्पर समन्वय की नितांत आश्वयकता

प्रश्न क प्रकृति मानव के सामने क्यों नतमस्तक है ?
प्रश्न ख शारीरिक शक्ति का होना आवश्यक क्यों है ?
प्रश्न ग शिक्षा और खेलों का संतुलन आवश्यक क्यों है ?
प्रश्न घ विद्यार्थी के लिए खेल क्यों जरूरी हैं ?
प्रश्न -ड उचित विलोम शब्द गदयांश में से देखकर लिखें –
लाभदायक ,कुरूप ,अशिक्षा ,दिन ,दुरुपयोगी


ritvikh2: why no one answer
ritvikh2: bruda

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Answered by aaryaniyer24
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rotlu loude

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