' मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है' इस उक्ती का विचार पल्लवन किजीए
(शब्द सीमा :-100 से 120 शब्द
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आष्टा | सर्वप्रथममानव सेवा ही ईश्वर सेवा के समान है। इसलिए दुखी व्यक्ति की मदद करें, इससे बड़ा दूसरा कोई कार्य नहीं होता है। वहीं जो भी काम हो उसे समय पर पूरा करना चाहिए।
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