Hindi, asked by dishant7b07gmailcom, 3 days ago

मानव समाज का विकास चार चरणों में हुआ हैं- पाशाण युग ,ताम्र युग ,कांस्य युग और लौह युग। किसी युग विषेश में जिस धातु का सर्वाधिक उपयोग किया गया ,उसी के आधार पर उस युग का नामकरण कर दिया गया। प्रारंभ में षिकार करने तथा फल इत्यादि तोड़ने के लिए मनुश्य पत्थरों का उपयोग करता था, अतः उस युग को पाशाण युग कहा गया। फिर मनुश्य ने ताॅंबे के हथियार बनाने प्रारंभ किए ,अतः उस युग को ताम्र युग नाम दिया गया। जिस युग में काॅंसे के हथियार अधिक बनाए गए ,उसे कांस्य युग कहा गया । आज सर्वाधिक प्रयोग लोहे का किया जाता है ,अतः इस युग को लौह युग की संज्ञा दी गई है।पाशाण युग से आज लौह युग तक मनुश्य ने बहुत प्रगति की है। प्रगति के साथ मनुश्य सुविधाभोगी होता जाता है ,अतः उसकी आवष्यकताएॅं भी बढ़ती जाती हैं। आवष्यकता में वृद्धि मनुश्य की सतत परिश्रम ,सूझबूझ और अनवरत खोज की प्रेरणा देती है।मनुश्य की आज तक की प्रगति इन्हीं आवष्यकताओं में वृद्धि का परिणाम है। क. मानव-समाज का विकास कितने चरणों में हुआ है? ख.लौह युग का नामकरण किस आधार पर किया गया? ग. पाशाण युग के नामकरण का आधार क्या था? घ.आवष्यकता में वृद्धि मनुश्य को किस बात की प्रेरणा देती है? ड़. गद्यांष का उपयुक्त षीर्शक दीजिए।​

Answers

Answered by mishrapiyushh1234
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Answer:

पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरणार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (२५ लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है।

भीमबेटका स्थित पाषाण कालीन शैल चित्र

पुरापाषाण काल (Paleolithic Era)

मध्यपाषाण काल (Mesolithic Era)

पाषाण युग और उसके बाद का मानव जीवन संक्षेप में

शैल चित्र

बाहरी कड़ियाँ

Explanation:

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