Hindi, asked by TaNibiSing, 7 months ago

मानवीय करुणा की दिव्य चमक - फादर के मुख से निकले शब्द जादू का काम कैसे करते? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by Anonymous
39

Answer:

मानवीय करुणा की दिव्य-धमक' पाठ में हिंदी के प्रसिद्ध विद्वान एवं महापुरुष फादर कामिल बुके का वर्णन है। फादर कामिल बुल्के के लिए यह विशेषण उनकी करुणा भरे हृदय की विशालता को दर्शाता है। लेखक ने लिखा है कि “उनको देखना करुणा के निर्मल जल में स्नान करने जैसा था। वास्तव में, इस साप में अत्यधिक ममता, अपनत्व अपने हर प्रियजन के लिए उमड़ता रहता था। वे स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों के दुखों को दूर करते थे। प्रतिकूल एवं विषम परिस्थितियों में भी दिल से जुड़े लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ते थे। लेखक की पत्नी और पुत्र की मृत्यु पर फादर के मुख से सांत्वना के जादू भरे शब्द इस बात के प्रमाण । उनके अंदर मानवीय करुणा की अपार भावनाओं के मौजूद रहने के कारण ही उनके लिए 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' विशेषण का प्रयोग किया गया है।

I HOPE IT WILL HELP YOU

PLEASE MARK ME AS BRILLIANT AND ALSO GIVE ME THANKS

Answered by biswassumita
2

Explanation:

मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि फादर जैसे अनुकरणीय धरित्र को अपने जीवन में लागू करना चाहिए। दया, करुणा, ममता, सहयोग, सद्भावना जैसे मानवीय मूल्यों को अपने भीतर विकसित करना चाहिए। हमें भारतीयता की महानता, अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति दायित्व और गौरव को जन-जन में जागृत करना चाहिए। हिंदी के प्रसार एवं विकास में अपना भरपूर योगदान देना चाहिए।

फ़ादर कामिल बुल्के के बचपन में उनकी माँ ने उनके विषय में यह भविष्यवाणी की थी कि यह लड़का तो हाथ से गया। उनकी यह भविष्यवाणी भविष्य में सत्य सिद्ध हुई । फ़ादर कामिल युके ने इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में अपनी पढ़ाई छोड़ दी। वे संन्यास लेना चाहते थे। उन्होंने अपने धर्म गुरु के पास पहुंच कर अपनी संन्यास लेने की इच्छा को व्यक्त किया और साथ ही भारत जाने की शर्त भी रखी। उनकी शर्त स्वीकार कर ली गई और वे भारत आ गए।

Similar questions