Hindi, asked by aryanjha5131, 7 months ago


'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ के आधार पर इलाहाबाद के साहित्यिक
परिवेश का वर्णन कीजिए ।
please answer it urgent. ​

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Answered by shishir303
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O   मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ के आधार पर इलाहाबाद के साहित्यिक  परिवेश का वर्णन कीजिए।

► ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ के आधार पर इलाहाबाद का साहित्यिक परिवेश बेहद हलचल भरा होता था। लेखक परिमल नामक पत्रिका में काम करता था और फादर बुल्के भी वहां के एक प्रमुख के। तब अनेक तरह की संगोष्ठियां होती थी। गंभीर चर्चाएं और बहसें हुआ करती थीं। पत्रिका में छपने वाली रचनाओं पर बेबाक राय और सुझाव मांगे जाते थे। लेखक और फादर बुल्के का स्नेहसंबंध वहीं से शुरू हुआ। लेखक को परवम पत्रिका के दफ्तर में काम किए वे दिन बाद में हमेशा याद आते रहे।

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