मानवीय करूणा की दिव्य चमक पाठ
के आधार पर सिद्ध कीजिए कि फादर बुल्के संकल्प से संन्यासी थे, मन से संन्यासी नहीं थे |
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यही कारण था कि लेखक ने उन्हें 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' कहा था। फादर बुल्वे ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छप्रिस्तुत की है, कैसे? फादर बुल्के भारतीय संन्यासी प्रवृत्ति के आधार पर खरे संन्यासी नहीं थे। लेखक के अनुसार वे केवल संकल्प के संन्यासी थे, मन से नहीं।
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