मानवीय करूणा की दिव्य चमक पाठ
के आधार पर सिद्ध कीजिए कि फादर बुल्के संकल्प से संन्यासी थे, मन से संन्यासी नहीं थे |
please help me
Answers
Answered by
7
Answer:
यही कारण था कि लेखक ने उन्हें 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' कहा था। फादर बुल्वे ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छप्रिस्तुत की है, कैसे? फादर बुल्के भारतीय संन्यासी प्रवृत्ति के आधार पर खरे संन्यासी नहीं थे। लेखक के अनुसार वे केवल संकल्प के संन्यासी थे, मन से नहीं।
Please follow me and mark me as brainlest
Similar questions
Music,
2 months ago
Music,
2 months ago
Political Science,
5 months ago
Social Sciences,
10 months ago
English,
10 months ago
Environmental Sciences,
10 months ago