CBSE BOARD X, asked by khushii35, 2 months ago

'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ के आधार पर इलाहाबाद के साहित्यिक परिवेश का वर्णन कीजिए ।​

Answers

Answered by kajalkumari97791
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Answer:

► 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ के आधार पर इलाहाबाद का साहित्यिक परिवेश बेहद हलचल भरा होता था। लेखक परिमल नामक पत्रिका में काम करता था और फादर बुल्के भी वहां के एक प्रमुख के। तब अनेक तरह की संगोष्ठियां होती थी। ... लेखक और फादर बुल्के का स्नेहसंबंध वहीं से शुरू हुआ।

Answered by SmritiSami
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मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर इलाहाबाद का साहित्यक परिवेश का वर्णन निम्नलिखित है।

मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ फादर बुल्के ने लिखा है। और उनके इस पाठ के आधार पर इलाहाबाद का साहित्यिक परिवेश बेहद हलचल भरा होता था। लेखक परिमल नामक पत्रिका में काम करता था और फादर बुल्के भी वहां के एक प्रमुख के। तब अनेक तरह की संगोष्ठियां होती थी। और यही से फादर बुल्के के लेखक बनने का स्नेह शुरू हुआ है।

वे गम्भीर विषयों पर बहस भी करते और बेहिचक उचित सलाह भी देते। और वे इलाहाबाद की सड़को पे साइकिल से आते जाते थे।

#SPJ2

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