Hindi, asked by chandrapalsingh47946, 1 month ago

मानवाय करुणा का दिव्य चमक यहावर
नवाब साहब द्वारा खीरा खरीदने और उसे न खाने का क्या कारण रहा होगा?​

Answers

Answered by medoremon08
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फ़ादर बुल्के मानवीय करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उनके मन में सभी के लिए प्रेम भरा था जो कि उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देता था। विपत्ति की घड़ी में वे सांत्वना के दो बोल द्वारा किसी भी मनुष्य का धीरज बाँधते थे। स्वयं लेखक की पत्नि तथा पुत्र की मृत्यु पर फ़ादर बुल्के ने उन्हें सांत्वना दी थी। किसी भी मानव का दु:ख उनसे देखा नहीं जाता था। उसके कष्ट दूर करने के लिए वे यथाशक्ति प्रयास करते थे।

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