"मानवीय सेवा ईश्वरीय भक्ति के समान है।" पंक्ति को आधार बनाकर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए।
Answers
Explanation:
जो काम करे,पूरी निष्ठा से मानव सेवा समझकर करे
जो भी काम करे पूरी निष्ठा के साथ काम करें,दोस्तों जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया था कि इंसान कोई सा भी काम करें,उससे मानव सेवा होती है इसलिए आपको किसी काम को करते हुए अपने बारे में न सोचते हुए,दूसरों के बारे में सोचना चाहिए अगर आप दूसरों के बारे में अच्छा सोचते हो तो आप को उस काम को करते हुए तरक्की जरूर मिलेगी,हमेशा दूसरों का भला करने के लिए किसी काम की शुरुआत करें क्योंकि मानव सेवा ही सच्ची सेवा है.
आप अपने साथ कभी अपने व्यापार या अपने काम से कमाए गए पैसे साथ में नहीं ले जा सकते,आप अपने साथ में अगर कुछ ले जा सकते हैं तो सिर्फ अच्छाई इसलिए अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ काम करें इन्सान में ही भगवन वास करते है सेवा करे इंसान में ही भगवान वास करता है,मेरे प्यारे दोस्तों आजकल हम सब जानते हैं कि लोग भगवान की पूजा करते हैं भगवान को अगरबत्तियां लगाते हैं भगवान के मंदिर पर जाते हैं लेकिन अगर कोई गरीब व्यक्ति या कोई भिखारी हम से कुछ मांगता है तो हम उसे मना कर देते हैं.
दोस्तों यह बात कहकर मुझे एक फिल्म याद आती है ओह माय गोड. मैं इस फिल्म के पक्ष में नहीं हूं लेकिन एक बात इस पिक्चर में मुझे बहुत ही बेहतरीन लगी की जैसे ही लोग मंदिर मैं जाते हैं वहां पर दूध चढ़ाने के लिए अपने साथ दूध ले जाते हैं लेकिन अगर कोई भिखारी भूख से तड़पता हुआ हमें रास्ते में दिख जाए तो हम उसको दूध नहीं पिलाते हैं,हम सोचते हैं कि भगवान को दूध चढ़ाना बहुत जरूरी है,हम उस बेचारे गरीब भिखारी की मदद नहीं करते हैं यह तो बहुत ही गलत है क्योंकि इंसान में ही भगवान वास करता है और हमको हमेशा इंसान की सेवा करने के बारे में सोचना चाहिए तो भगवान हमसे हमेशा खुश रहेगा.
अगर किसी भिखारी को तड़पते हुए देखकर हमारा हृदय नहीं तड़पता तो मुझे मजबूरन कहना पड़ेगा शायद आप इंसान ही नहीं है इसलिए जब भी आप कहीं पर जाएं किसी मंदिर या मस्जिद में जाएं तो भगवान से पहले आप दूसरों के बारे में सोचे मेरा मानना है कि भगवान आपकी हर एक मनोकामना को पूरा करेगा.