Hindi, asked by kavyansh18, 8 months ago

मानवीयकरण अलंकार के 2 उदाहरण दीजिए​

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Answered by rahulranganaths
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उत्तर:  मानवीकरण अलंकार की परिभाषा  जब प्राकृतिक वस्तुओं कैसे पेड़,पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है। जैसे:

मानवीकरण अलंकार के उदाहरण :

फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।

जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिया गया है की फूल हंस रहे हैं एवं कलियाँ मुस्कुरा रही हैं। जैसा की हम जानते हैं की हंसने एवं  मुस्कुराने की क्रियाएं केवल मनुष्य ही कर सकते हैं प्राकृतिक चीज़ें नहीं। ये असलियत में संभव नहीं है  एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।  

ऊपर के उदाहरण में दिया गया है कि बादल बड़े सज कर आये लेकिन ये सब क्रियाएं तो मनुष्य कि होती हैं न कि बादलों की। अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।ये असलियत में संभव नहीं है  एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे |

ऊपर दी गयी पंक्तियों में बताया गया है कि संध्या सुन्दर परी की तरह धीरे धीरे आसमान से नीचे उतर रही है।इस वाक्य में संध्या कि तुलना एक सुन्दर पारी से की है। एक निर्जीव की सजीव से।ये असलियत में संभव नहीं है  एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।  

ऊपर दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यहाँ पर यह उदाहरण भी मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत ही आएगा।

मानवीकरण अलंकार के अन्य उदाहरण:

कलियाँ दरवाज़े खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कलियों को दरवाज़े खोल खोल कर झुरमुट में मुस्कुराते हुए वर्णित किया गया है। हम जानते हैं की मुस्कुराने की क्रिया सिर्फ मनुष्य सजीव ही कर सकते हैं कलियाँ ये क्रिया नहीं कर सकती हैं। यह उनके लिए असंभव है। मुस्कुराना आदि क्रियाएं तो सिर्फ मानव ही करते हैं। अतः यहाँ पर प्राकर्तिक चीज़ों में मानवीय भावनाएं दर्शाई जा रही है।हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से।

ऊपर दिए गए उदाहरण में बताया गया है कि वनस्पतियाँ जागी फिर अलसाई ओर शीतल यानी ठन्डे जल से उन्होंने मुह धोया।जैसा कि हमें पता है कि वनस्पतियों के मुह नहीं होता है। ये मुह धोने वाली अलसाने वाली आदि क्रियाएं सिर्फ मनुष्यों कि होती हैं। ये क्रियाएं वनस्पति द्वारा किया जाना असंभव है।  अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है.

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

सागर के उर पर नाच-नाच करती हैं लहरें मधुर गान।  

जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि लहरों को नाचता हुआ व गाता हुआ वर्णित किया है।नाचना गाना आदि क्रियाएं सिर्फ मनुष्य कि क्रियाएं होती हैं ना कि किसी निर्जीव की। जैसा हम जानते हैं नाचने गाने  यहाँ निर्जीवों में सजीवों कि भावनाएं दिखाई गयी हैं। अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मानवीकरण अलंकार के बारे में यदि आपका कोई भी सवाल है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

Answered by ItzShinyQueen13
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है। जैसे:

मानवीकरण अलंकार के उदाहरण :

फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।

जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिया गया है की फूल हंस रहे हैं एवं कलियाँ मुस्कुरा रही हैं। जैसा की हम जानते हैं की हंसने एवं मुस्कुराने की क्रियाएं केवल मनुष्य ही कर सकते हैं प्राकृतिक चीज़ें नहीं। ये असलियत में संभव नहीं है एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।

ऊपर के उदाहरण में दिया गया है कि बादल बड़े सज कर आये लेकिन ये सब क्रियाएं तो मनुष्य कि होती हैं न कि बादलों की। अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।ये असलियत में संभव नहीं है एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे |

ऊपर दी गयी पंक्तियों में बताया गया है कि संध्या सुन्दर परी की तरह धीरे धीरे आसमान से नीचे उतर रही है।इस वाक्य में संध्या कि तुलना एक सुन्दर पारी से की है। एक निर्जीव की सजीव से।ये असलियत में संभव नहीं है एवं हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा।

उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।

ऊपर दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।

अतः यहाँ पर यह उदाहरण भी मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत ही आएगा।

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