Hindi, asked by cherly9316, 1 day ago

मीराबाई की भाषा सरल, सहज और आम बोलचाल की भाषा है, जिसमे राजस्थानी, ब्रज और गुजराती का मिश्रण दिखाई देता है। भाषा में कोमलता, मधुरता और सरसता के गुण विद्यमान हैं। पदावली कोमल, भावानुकूल व प्रवाहमयी है, पदों में भक्तिरस है तथा अनुप्रास, दृष्टांत, पुनरुक्ति प्रकाश, रुपक आदि अलंकारो का सहज प्रयोग दिखाई देता हैं। भक्ति भाव के कारण शांत रस प्रमुख है तथा प्रसाद गुण की भावाभिव्यक्ति हुए है। सभी पद गेयात्मक हैं, लय युक्त एवं तुकांत हैं। प्रत्येक पद भक्ति की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है।

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Answered by jobsonsaji8
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l don't know this language

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