मीरा बाई की भक्ति किस भाव की श्री?
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Explanation:
- मीरा ने श्री कृष्ण के सगुन स्वरूप की भक्ति आराधना की थी।
- मीरा की इस भक्ति को मधुरा भक्ति भी कहा जाता है।
- इस भक्ति का प्रधान भाव रति है।
- मीरा संत समाज को देखकर जितनी खुस होती थी ठीक उसी तरह वह संसार को देखकर दुखी होती थी।
- गिरधर गोपाल ही मीरा के सर्वस्व है।
- मीरा ने श्री कृष्ण को पाकर संसार से अपना मुहँ फेर लिया था।
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Question:- मीराबाई की भक्ति किस भाव की थी?⤵
Answer:-⤵
आसमान में जितने सितारे हैं उनसे ज्यादा प्रेम था प्रेम की भावना थी मीरा के दिन में श्री कृष्ण के लिए एक भक्तों की तरह अब यह तो सभी जानते हैं कि आसमान में तेरे सितारे हैं कि उन्हें कोई नहीं गिर सकता लेकिन आसमान के सितारों से ज्यादा मीरा के भक्ति के प्रेम में था कि कोई भी मीरा का प्रेम बता नहीं सकता कि कितना प्रेम मीरा करती थी स्वीकृत से जैसे कि कोई दिन नहीं सकता आसमान में कितने सितारे हैं उसी तरह कोई बता नहीं सकता कि मेरा के दिल में कितना प्रेम है भगवान श्री कृष्ण फिल्म कितनी बड़ी भक्त है.
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