मीराबाई श्रीकृष्ण की महिमा को हर्ष से गा रहा है shudh ruup
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:- मीरा श्री.कृष्ण को सम्बोधित करते हुए कहती हैं कि हे श्री कृष्ण! आप सदैव अपने भक्तों की पीड़ा दूर करते हैं। प्रभु जिस प्रकार आपने द्रौपदी का वस्त्र बढ़ाकर भरी सभा में उसकी लाज रखी, नरसिंह का रुप धारण करके हिरण्यकश्यप को मार कर प्रह्लाद को बचाया, मगरमच्छ ने जब हाथी को अपने मुँह में ले लिया तो उसे बचाया और पीड़ा भी हरी। हे प्रभु! इसी तरह मुझे भी हर संकट से बचाकर पीड़ा मुक्त करो। मीरा सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए भी विनती करती हैं।
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