Hindi, asked by 1004716, 3 months ago

मेरा बचपन इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए​

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Answered by 09divyanshimpps8a
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मेरा बचपन सपनों का घर था जहां मैं रोज दादा-दादी के कहानी सुनकर उन कहानियों में ऐसे खो जाता था मानो उन कहानियों का असली पात्र में ही हूं. बचपन के वह दोस्त जिनके साथ रोज सुबह-शाम खेलते, गांव की गलियों के चक्कर काटते और खेतों में जाकर पंछी उड़ाते।

मेरा बचपन गांव में ही बीता है इसलिए मुझे बचपन की और भी ज्यादा याद आती है बचपन में हम भैंस के ऊपर बैठकर खेत चले जाते थे तो बकरी के बच्चों के पीछे दौड़ लगाते थे. बचपन में सावन का महीना आने पर हम पेड़ पर झूला डाल कर झूला झूलते थे और ठंडी ठंडी हवा का आनंद लेते थे।

बचपन के वह दिन बहुत ही खुशियों से भरे हुए थे तब ना तो किसी की चिंता थी ना ही किसी से कोई मतलब बस अपने में ही खोए रहते थे. बचपन में बिना बुलाए किसी की भी शादी में शामिल हो जाते थे और खूब आनंद से खाना खाते और मौज उड़ाते थे।

बचपन में शोर मचा कर पूरे विद्यालय में हंगामा करते थे. हम बचपन में कबड्डी, खो-खो, गिल्ली डंडा, छुपन- छुपाई और तेज दौड़ लगाना खेलते थे. रोज किसी ना किसी को परेशान करके भागना बहुत अच्छा लगता था।

बचपन में हम सब सुबह शाम सिर्फ मस्ती ही करते थे. बचपन में पूरा घर हंसी ठिठोली से गूंजता रहता था. बचपन का हर दिन उत्सव होता था. बच्चों को देख कर बचपन की बहुत सी यादें अब भी ताजा हो जाती है. अभी तेज दौड़ लगाने का मन करता है और बारिश भी तालाब में जाकर छप-छप करना किसे अच्छा नहीं लगता?

ऐसा था मेरा बचपन कभी मां का दुलार मिलता तो कभी पिताजी की डांट पड़ती थी लेकिन फिर भी कुछ ही पलों में सब कुछ भुला कर फिर से शैतानियां करने लग जाते थे।

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