Hindi, asked by chandan9304648, 1 month ago

मेरा भार हल्का कर दें यह याचना पूर्ण होने कि सांत्वना नही चाहता
यह भार वहन करके चलता रहूॅ यही प्रथना है
सुख भरे क्षणों में नतमस्तक हो तेरे दर्शन कर सकूॅ
किन्तु दुख भरी रातों में जब सारी दुनिया मेरा उपहास करेगी
तब मै शंकित न होउॅ यही वरदान चाहता हूॅ

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Answered by rohitasryadav
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Answer:

gjghdugoj ugufug jufig cufifi vjfdy

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