मेरा भार हल्का कर दें यह याचना पूर्ण होने कि सांत्वना नही चाहता
यह भार वहन करके चलता रहूॅ यही प्रथना है
सुख भरे क्षणों में नतमस्तक हो तेरे दर्शन कर सकूॅ
किन्तु दुख भरी रातों में जब सारी दुनिया मेरा उपहास करेगी
तब मै शंकित न होउॅ यही वरदान चाहता हूॅ
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gjghdugoj ugufug jufig cufifi vjfdy
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