मेरा भारत महान इस विषय पर स्वमत
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प्रस्तावना:- मेरे भारत का नाम संपूर्ण विश्व में गर्व की बात है मेरा देश परंपरा वीरता संस्कृति या यू कहे भौगोलिक सभी परिस्थिति में महान है जहाँ ऐसे पुरातन काल में आर्यवत नाम से पुकारा जाता था वही महाप्रतापी राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारत देश पड़ा है मेरा भारत देश ने भले ही कितने संकटो और युद्ध युद्ध को झेला हो परंतु हर क्षेत्र में मेरा भारत हर युग में अग्रणी रहा.
और इन युद्धो का उसके गौरव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा . मेरे देश की महानता उसके इतिहास और पारंपरिक रीति रिवाजों की वजह से भी है.
मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश:- मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश है यहां पर हर तरह के अनाजौ की पैदावार होती है जेसे मक्का ,ज्वार ,गेंहू ,बाजरा ,इत्यादि ,मेरा भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही कि जा रही है मेरा भारत में लगभग 51% भाग पर कृषि की जाती है ,कुल 52 फ़ीसदी लोग कृषि से अपनी आजीविका चलाते हैं हरित क्रांति के बाद और अधिक अनाजों की पैदावार होने लगी है मेरा भारत देश कृषि प्रधान होने के साथ अन्य देशों में भी अग्रणी है.
मेरे भारत की संस्कृति:- मेरे भारत की संस्कृति अनेकता में एकता पर आधारित है यह अनेकता में एकता एक शब्द ही नहीं बल्कि यह भारत देश की संस्कृति और विरासत में पूरी तरह लागू होता है मेरा भारत देश विश्व के नक्शे में अपने रंगारंग और अनूठी संस्कृति की छाप छोड़े हुए हैं मेरा भारत देश मर्या ,चोल ,मुगलकाल और ब्रिटिश साम्राज्य तक मेरे भारत ने अपनी परंपरा और अतिथि के लिए मशहूर रहा मेरे भारत देश ने उन ब्रिटिशो का भी स्वागत किया जिन्होंने मेरे भारत पर कई सालो तक राज किया परंतु उसके कूटनीतिज्ञ की वजह से ही मेरे भारत अनेकता में एकता दिखाकर उनको मेरे देश से जाने के लिए मजबूर कर दिया .मेरे भारत की संस्कृति और उसकी कला शिल्प नृत्य और संगीत की वजह से भी है मेरे भारत की संस्कृति अन्य देशों की अपेक्षा अत्यंत आकर्षित है.
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प्रस्तावना:मेरे देश "भारत" का नाम संपूर्ण विश्व में गर्व की बात है मेरा देश परंपरा, वीरता, संस्कृति यू कहे भौगोलिक सभी परस्थिति में महान है । जहाँ ऐसे पुरातन काल में " आयावर्त" नाम से पुकारा जाता था वही महाप्रतापी राजा दुष्यंत के पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारत पड़ा है मेरे भारत देश ने भले ही कितने संकटो और युद्धों को झेला हो परंतु हर क्षेत्र मे मेरा भारत हर युग में अग्रणी रहा है । और इन युद्धो क़ा उसके गौरव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा । मेरे देश की महानता उसके इतिहास और पारंपरिक रीति रिवाजो की वजह से भी है l
मेरे भारत देश कृषि प्रधान देश: मेरा भारत देश कृषि प्रधान देश है यहाँ पर हर तरह के अनाज की पैदावार होती है जैसे गेहूँ, बाजरा, मक्का, इत्यादि । मेरा भारत सिंध घाटी सभ्यता के समय से कृषि की जा रही है। मेरे देश लगभग 52% लोग कृषि से अपनी आजीविका चलाते है । लगभग 51% भाग पर कृषि होतीं है। हरित क्रांति के बाद और अधिक अनाज क़ी पैदावार होने लगी ।
मेरे भारत क़ी संस्कृति : मेरे भारत की संस्कृति " अनेकता में एकता " पर आधारित है । यह " अनेकता में एकता" एक शब्द ही नहीं बल्कि यह भारत देश की संस्कृति और विरासत में पूरी तरह लागू होता है । मेरा देश विश्व में मानचित्र में अपने रंगारंग और अनठी संस्कृति की छाप छोड़े हुए है।
मेरा देश मौर्य, चोल, मुगलकाल और ब्रिटिश साम्राज्य तक अपनी संस्कृति और अतिथि परंपरा का परिचय देता आया है । मेरे भारत देश ने उप ब्रिटिशो का भी स्वागत किया जिन्होंने हमारे देश पर कई वर्षों तक शासन किया परंतु अपनी कूटनीति की वजह से हमारे देश ने अंगेजों को भी देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया । मेरे भारत देश की संस्कृति उसकी शिल्प, नृत्य और संगीत की वजह से भी है। मेरे भारत देश की संस्कृति अन्य देशों की अपेक्षाकृत अत्यंत आकर्षित है।
मेरे देश का कानून : मेरे भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए सामान्य आचरण का पालन करें इसके लिए कुछ नियम बनाए गए है , जिसका पालन करना मेरे भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है जो इसका पालन नहीं करता है उस के लिए मेरे भारत में न्यायपालिका द्वारा दंड निर्धारित की गई है । मेरे देश में प्रत्येक नागरिकों के लिए समान नियम लागू है और उसका पालन करना मेरे देश के हर नागरिक के लिए आवश्यक है ।
मेरे भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी में स्थान : मेरे भारत का नाम की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बहुत विकसित हो चुका है । सभी देशों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई-नई खोजें हो रही है परंतु इस दौड़ में मेरा भारत भी पीछे नहीं है मेरे भारत में वैज्ञानिक खोजों के लिए कई वैज्ञानिक शामिल हुए है जिसमें सी.वी रमण, जगदीश चंद्र बसु, श्रीनिवास रामानुजन, और भी कई वैज्ञानिक शामिल हुए । इन्होंने भौतिक विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, खगोलीय विज्ञान, सभी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और मेरे देश भारत का नाम रोशन किया ।
उपसंहार : मेरे भारत के बारे में लिखना चाहो तो शब्द कम जाएंगे इसने ना कितने दर्द और लहू सहकर स्वतंत्रता हासिल की है परंतु फिर भी इसने हार नही मानी आज मेरा भारत देश जिसे एक सोने की चिड़िया कहा जाता था उस सोने की चिड़िया को अंग्रेज चुरा ले गए थे, परंतु आज मेरे भारत ने अपनी मेहनत, इमानदारी और लगन से वही स्थान पर प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी मुझे मेरे देश पर गर्व है।