Hindi, asked by mallahaswanth5729, 1 year ago

मेरी भव बाधा हरो राधा नागरी सोय जा तन की झाँई परै, स्याम हरित दुति होए

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Answered by mchatterjee
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मेरी भव-बाधा हरौ राधा नागरि सोई l
जा तन की झाईं परै श्यामु हरित दुति होई ll

इस काव्य का भावार्थ--

राधिका गोरी है और सफेद रंग पर किसी भी रंग चढ़ाने से वह रंग खिल उठता है।

राधिका का रंग जब कृष्ण प्रेम में लगता है तब कृष्ण भी हरे हो दिखते हैं। वही गोरी राधिका से कविम सांसारिक बाधाओं को हरने की विनती कर रहे हैं।
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