मेरी चिट्ठी मेरी/मेरे प्रिय सखी /मित्र के नाम।' में अपने प्रिय मित्र या सखी को बहुत समय तक न मिल पाने के कारण अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए पत्र लिखें
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दिनांक – 18 जून 2019
प्रिय आशीष,
सप्रेम स्नेह
सच्चे मित्र की पहचान वही होती है जब वह मित्र संकट एवं विपत्ति की घड़ी में काम आए।जब मुझ पर घोर संकट की घड़ी आन पड़ी थी तब तुमने मेरी सहायता कर एक सच्चा मित्र होने का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया, इसके लिए मैं तुम्हारा हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
मित्र आशीष ! तुम तो जानते ही हो कि पिछले दिनों मेरे पिताजी की नौकरी छूट गई थी। इस कारण वह बेरोजगार हो गये और नई नौकरी भी नही मिल रही थी। हमारे घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी। इस कारण मैं अपने लिए जरूरी आवश्यक पुस्तकें भी नहीं खरीद पा रहा था। परीक्षाएं नजदीक आ गई थीं मैं परीक्षा का शुल्क भी नही जमा कर पाया था। मुझे परीक्षा में न बैठ पाने की अनुमति मिलने का भय सताने लगा।
ऐसी स्थिति में जब कोई उपाय नहीं था तब तुमने मुझे पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे दिये। साथ ही परीक्षा का शुल्क जमा करने के लिए पैसे दिए। जिससे मेरा एक वर्ष बर्बाद होने से बच गया और मैं सफलतापूर्वक परीक्षा दे पाया। यह सब तुम्हारी मदद के कारण ही संभव हुआ। अब मेरे पिताजी को भी दूसरी नई नौकरी मिल गई है और मुझे आशा है शीघ्र ही हमारे घर की स्थिति ठीक हो जाएगी। बस मेरे पास पर्याप्त पैसे जमा हो जाए तो मैं तुम्हारे पैसे शीघ्र ही वापस कर दूंगा। तब तक के लिए मुझे क्षमा करना।
तुम्हारे जैसा मित्र अगर मेरे साथ है तो फिर मुझे किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं तुम्हारा पुनः आभार व्यक्त करता हुआ धन्यवाद देता हूँ और तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
धन्यवाद
तुम्हारा मित्र
शैलेन्द्र कुमार