Hindi, asked by shardachoudhury84, 7 hours ago

मेरी हिंदी पुस्तक का “ धागे का बंधन ” पाठ का सारांश​

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Answered by creativevidh
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कठपुतली दूसरों के हाथों में बंधकर नाचने से परेशान हो गयी है और अब वो सारे धागे तोड़कर स्वतंत्र होना चाहती है। भाव यही है कि किसी को भी पराधीनता या गुलामी पसंद नहीं होती , सभी स्वतंत्रता से रहना पसंद करते हैं।

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