मेरा जी पढ़ने में बिल्कुल नहीं लगता था यह घंटा कभी की किताब लेकर बैठना को हर लगता था मौका पाते ही हाथों से निकलकर मैदान में आ जाता था और कभी कंकरिया उछलता कभी कागज की तितलियां उड़ाता और कभी कोई साथी मिल गया तो पूछना ही क्या कभी चारदीवारी पर चढ़ते नीचे कूद रहे हैं कभी फटक पर चढ़कर उसेफाटक पर चढ़कर सवार उसे आगे पीछे चलाते हुए मोटर कार का आनंद उठा रहे हैं लेकिन कमरे कोई में आते ही बड़े भाई साहब का विशाल रूद्र रूप देखकर प्राण सूख जाते इनका पहला सवाल यह होता कहां थे हमेशा यही सवाल इस धोनी में हमेशा पूछा जाता था और मैं इसका मेरे पास मोहन के अलावा कोई जवाब ना थ गद्यगद्यांश में से कोई 2 मुहावरे बताइए
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1 आनंद उठाना
2 प्राण सूख जाना
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